अवैध शराब बनाने लकड़ी के लिए जंगल उजाड़ रहे ग्रामीण वनविभाग बेख़बर।

वन विभाग के चौकी से कुछ ही दूर में हो रही है जंगल की कटाई
रघु यादव मस्तूरी✍️
मस्तूरी । ब्लाक के पचपेड़ी परीक्षेत्र का है पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार रेंजर एवं आरक्षक को क्षेत्र के हर चौकी में तैनात रखा है ताकि वन की रक्षा कर सकें और वन कटाई पर रोक लगा सके लेकिन यह मस्तूरी क्षेत्र है । यहां सरकार के नियम के जस्ट उल्टा काम होता है मस्तूरी क्षेत्र में अधिकारी पैसा देकर अपना ट्रांसफर कराते हैं ताकि मोटी रकम कमा के अपना जेब भर सके ।संक्षिप्त मामला इस प्रकार है।
मस्तूरी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत बेल्हा में हाथ से बनी कच्ची महुआ की शराब घर-घर उपलब्ध है जो महुआ शराब के गांव के नाम से पूरे क्षेत्र में प्रसिद्ध है यहां कई तरह के लोग आते हैं शराबी शराब के लिए आते हैं और अबकारी पुलिस यहां हप्ता वसूलने के लिए।
वनरक्षक समिति बेल्हा मे ही हैं कच्ची महुआ शराब निकालने के लिए अधिक मात्रा में लकड़ी की जरूरत पड़ती है जिसे पूरा करने के लिए बेल्हा से रोज 8से 10महिला झुंड बनाकर गोडाडीह जंगल लकड़ी काटने के लिए आते हैं और अधिक मात्रा में यहां से लकड़ी कटाई करके ले जाते हैं गाव वाले बताते है कि लकड़ी चोरों द्वारा रात के साए में जंगल की कटाई होती है जंगल से कुछ ही दूर में वन विभाग की चौकी स्थित है जहां आरक्षक और रेंजर तैहनात होते हैं इसके बावजूद किसी आला अधिकारियों को इसके भनक तक नहीं होती सूत्रों की मानें तो लकड़ी चोरों से अफसरों की सांठगांठ होने के कारण ना तो कोई कार्यवाही होती है और ना ही किसी प्रकार की लकड़ी जप्त होती है| अब देखना यह है कि खबर प्रकाशित होने के बाद कुंभकरणीय की नींद में सोए हुए अधिकारी हरकत में आते हैं कि नहीं।

