अपना साहित्य मंच छग द्वारा को प्रथम ऑनलाइन,गूगल मीट के माध्यम से होली उत्सव मिलन समारोह रखा गया

, बिलासपुर । राज्यों से अनेक कलमकारों नेअपनी भूमिका निभाई कार्यक्रम की शुरुआत परमेश्वर श्रीवास नरगोड़ा छत्तीसगढ़ द्वारा, हे विणा धारिणी , मां सरस्वती की वंदना से आरंभ किया गया , मंच संचालन आदरणीय कृष्णा सेन्दल “तेजस्वी” जी मध्य प्रदेश एवं आदरणीया श्रीमती वीना आडवाणी तन्वी नागपुर(महाराष्ट्र) द्वारा बहुत ही सुंदर ढंग से किया गया ,काव्य पाठ की शुरुआत आदरणीय रामसाय श्रीवास किरारी द्वारा होली की मधुर गीत-होली आई झुम के खेलों रंग गुलाल।मनजीत कौर हुबली कर्नाटक -होली का त्यौहार है आया। उषा श्रीवास भदौरा छत्तीसगढ़ -अब डाल रंग न सांवरिया की बहुत ही सुंदर प्रस्तुति रही। आदरणीय बसंत श्रीवास नरगोड़ा छत्तीसगढ़
-आओ चलो बृजधाम जहां खेलने लगे हैं होली ।
आदरणीय उमेश श्रीवास जयरामनगर बिलासपुर -न उतरे जिन्दगी भर जो, लगा दो रंग होली में।
आदरणीय नोबेल श्रीवास छत्तीसगढ़- क्या रंग बताऊ जीवन का क्या बताऊं मेरा हाल है। पूजा कुरकेजा बिलासपुर छत्तीसगढ़- फागुन आया -फागुन आया ,मेरे मन में उमंग छाया!
रश्मि पांडे डिंडोरी मध्य प्रदेश -फागुन के रंग है प्यारा -प्यारा!
देवेश दीक्षित दिल्ली-होली का पर्व है। आदरणीय मोरध्वज पटेल परसदा कला छत्तीसगढ़-आज मैं होली मनाऊं। दिलीप कुमार दिलीप टिकरिहा
पिरदा (भिंभौरी),बेरला – बेमेतरा- फागुन के रंगे गुलाल रे संगी। डॉ निधि गुप्ता फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश-कहां खो गई वो होली की टोली। कुमार अविनाश- फिर होली आई है, आदरणीय रामरतन श्रीवास राधे राधे छत्तीसगढ़- नाचत गावत बुलावत होली बहुत सुंदर प्रस्तुति। आदरणीय श्रीमती अलका जैन-मुस्कुराना तो चाहती हूं लेकिन नकली दांत गिर न जाए बहुत ही सुंदर हास्य रस की प्रस्तुति दी।
तुलेश्वर सेन राजनंदगांव -होली से पहले बड़े-बड़े बात किए हैं।
वीना आडवाणी तन्वी होली के ऊपर शानदार कविता प्रस्तुति दी। आदरणीय कृष्णा सेन्दल तेजस्वी जी मध्यप्रदेश के द्वारा कविता में सीमा पर तैनात जवानों का बहुत सुंदर चित्रण किया गया।
नोबेल श्रीवास ने सभी का आभार माना, कार्यक्रम के अंत में कल्याण मंत्र के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।


