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शासकीय भूमि को पटवारी ने दर्ज कर दिया दूसरे के नाम, धान बेचकर शासन को लगाया लाखों रूपए का चूना।

शासकीय भूमि को पटवारी ने दर्ज कर दिया दूसरे के नाम, धान बेचकर शासन को लगाया लाखों रूपए का चूना।

बिलासपुर।, पटवारी ने तहसील कार्यलय में बिना सूचना के कुटरचना कर शासकीय जमीन को चढ़ा दिया पांच व्यक्तियों के नाम, मामला कोटा तहसील कार्यालय अंतर्गत ग्राम पंचायत खैरझिटी से सामने आया है, मिली जानकारी के अनुसार, तत्कालीन रहे पटवारी आर के चेलके, और उनके सहयोगी मनोज नवरंग पिता मनीराम नवरंग उम्र 40 वर्ष और उनके भाई बालकदास ग्राम खैरझिटी निवासी के द्वारा शासकीय भूमि को पटवारी से मिलकर के शासकीय अभिलेखों में कूट रचना कर फर्जीवाड़ा करते हुए ,रामखिलावन पिता इतवारी, कृपाराम पिता खेलावन, श्याम पिता खेलावन, धनुराम पिता खेलावन, कलीराम पिता खेलावन के नाम पर खसरा नंबर 158 /3. एवं 158 / 7. रकबा 3.50 एवं 2.50 एकड़ भूमि को कूट रचित कर उक्त भूमि को दर्ज करा लिया गया उसी भूमि को उपरोक्त व्यक्तियों के द्वारा आशुतोष वाधवानी पिता सच्चिदानंद वाधवानी बिलासपुर के रहने वाले जोकि रामखिलावन का मुख्तियार था कूट रचना करते हुए स्वयं से खसरा नंबर 158 / 7 की भूमि को पटवारी से मिलकर के रजिस्ट्री करवा लिया गया शिकायतकर्ता सुनील भार्गव ग्राम खैरझिटी निवासी के द्वारा इस मामले की शिकायत तहसीलदार कोटा न्यायालय में किया गया जिस पर भू अभिलेख में कूट रचना की शिकायत की जांच राजस्व निरीक्षक के द्वारा किया गया था जिसमे बताया गया है कि शासन के द्वारा कोरीबांध निर्माण के समय कुछ किसानों की भूमि डूबान में निकली थी जोकि शासन के द्वारा निजी भूमि स्वामी को ग्राम खैरझिटी में शासकीय भूमि छोटे-बड़े झाड़ जंगल मद की भूमि को प्लाट बनाकर आवंटित किया गया जिसका खसरा नंबर 50.158.159 वर्ष 1980 -81 में किया गया था खसरा न,158 मिसल रकबे में 19.95 एकड़ भूमि दर्ज है जिसे की पटवारी आर के चेलके और उनके सहयोगी मनोज नवरंग के द्वारा फर्जीवाड़ा करते हुए जमीन को टुकड़ों में बांटकर कुट रचना कर 25 एकड़ कर दिया गया है।ख.न. 50/1 रकबा क्षेत्रफल 12.22 एकड़ मे से जो छ. ग. शासन प्रबंधक कलेक्टर मद की भूमि है की 3.00 एकड़ भूमि को बिना न्यायालय के आदेश व बिना सक्षम अधिकारी के आदेश के ख.न 50/4 रकबा 3.00 एकड़ दर्ज कर ऋणपुस्तिका बनाकर धान बिक्री कर राज्य शासन को आर्थिक क्षति पहूंचा रहे है/ वही जमीन को टुकड़ो मे बाट कर अन्य लोगों के नाम दर्ज करवा दी गई, जिसके बाद जमीन का धान खरीदी केन्द्र मे पंजीयन करा कर लाखो रुपये का सालों से धान भी बेच दिया गया, बहरहाल इस मामले में कोटा तहसीलदार प्रांजल मिश्रा ने बतलाया गया है कि कूट रचना कर बिना किसी न्यायालय के आदेश के बिना स्वयं से अन्य लोगों के नाम पर भूमि को दर्ज करवा लिया गया है। सभी लोगों के खिलाफ उच्च अधिकारियों के निर्देश पर एफ आई आर दर्ज करवाई जाएगी, वही देखने वाली बात है की शासकीय जमीन को कुट रचना कर ,राजस्व अभिलेख में दर्ज करने वाले पटवारी व शासन को फर्जी वाड़ा कर धान बेच कर लाखो रुपये का चूना लगाने वालों पर क्या कार्यवही होती है।

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