बिलासपुर संभाग
अवैध शराब बिक्री एवं अवैध जंगलों की कटाई पर नकेल कश कर विभागीय अधिकारियों को आईना दिखा रहे गैर सरकारी संगठन एवं महिला स्व सहायता समूह गांव को आदर्श ग्राम बनाने दो दो हाथ कर रही गांव की महिलाएं।

मनमोहन सिंह✍️
बिलासपुर। कोटा एक ओर जहां पुलिस प्रशासन एवं आबकारी विभाग अवैध शराब की बिक्री के रोकथाम को लेकर फिसड्डी साबित हो रही है।तो वहीं दूसरी वन विभाग और वन विकास निगम के अधिकारी,कर्मचारी की बेपरवाही से घटती घने जंगल मानव जीवन सहित वन्यजीवों के लिए घातक होती जा रही है।शराब,जुए की लत से बिखरते समाज को संगठित करने के उद्देश्य से अवैध शराब से छुटकारा दिलाकर नशा मुक्त आदर्श ग्राम बनाने एवं वनों की लगातार हो रही अवैध कटाई की रोकथाम के लिए स्व सहायता महिला समूह के साथ गैर सरकारी संगठन कारगर साबित हो रही है।
कभी घने जंगलों की प्राकृतिक वादियों की मनोरम दृश्य जिसकी वजह से वनांचल क्षेत्र की अपनी विशेष पहचान होती थी। लंबे घने मोटे पेड़ क्षेत्र की जंगल की श्रृंगार होती थी।जहां वन्य प्राणियों की मौजूदगी जंगल को और शोभायमान बनाती थी। बदलते परिवेश के साथ ना तो अब अब घने जंगल बचे हैं और ना ही वन्य जीव बचे हैं। घटते जंगल की वजह से पर्यावरण पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। जंगल की अवैध कटाई रोकने सामाजिक कार्यकर्ता राम बिहारी यादव के मार्गदर्शन में ग्राम पंचायत उमरिया दादर की महिलाएं पर्यावरण सुरक्षा के लिए लामबंद होकर गांव के लोगों को जागरूक कर रही है। जिसमें ग्राम के पुरुष भी बढ़ चढ़कर आगे आ रहे हैं। लगातार बढ़ती अवैध शराब की बिक्री की लत में आकर गांव के युवा वर्ग एवं पुरुष शराब के नशे में धुत रहते हैं।बुधवार को नशाबंदी की मुहिम में स्व सहायता समूह की समस्त महिलाएं व ग्राम बुजुर्ग शामिल हुए।आज गांव की सभी महिलाएं अपने -अपने घरों से निकलकर शराबियों और शराब बनाने वालों से दो-दो हाथ करती हैं।शराबबंदी की मिसाल पेश करती गांव की महिलाएं शराब बनाते पकड़े जाने पर ₹5000 का अर्थदंड भी करती हैं। जिसकी वजह से गांव के लोगों में काफी सुधार भी नजर आ रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा चलाई जा रही मुहिम को को मजबूती प्रदान करने शासन प्रशासन द्वारा पहल की जाती है या फिर केवल मूकदर्शक बने अवैध कटाई और शराब बिक्री को नजरअंदाज करती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

