छत्तीसगढ़

पर्यावरण के अनुकूल जन्मदिन मनाने 10 वर्षीय बालक द्वारा की गई उत्तम एवं अनोखी पहल।

लोगों में बढ़ रही जागरूकता

बिलासपुर छत्तीसगढ़।आज के समय में जब पर्यावरण संकट एक गंभीर मुद्दा बन चुका है, ऐसे में कुछ लोग अपने छोटे-छोटे प्रयासों से बड़ा बदलाव ला रहे हैं। इसी कड़ी में आज न्यायधानी बिलासपुर में एक परिवार ने अपने बच्चे का जन्मदिन बेहद अनोखे और पर्यावरण के अनुकूल (इको-फ्रेंडली) तरीके से मनाकर सबका ध्यान आकर्षित किया।

10 साल के श्लोक द्विवेदी का जन्मदिन इस बार प्लास्टिक की सजावट, गुब्बारों और फैंसी गिफ्ट्स के बिना मनाया गया। इसके बजाय, घर को कागज और पुराने कपड़ों से बनी सजावटी वस्तुओं से सजाया गया। मेहमानों को उपहार में पौधे दिए गए और पार्टी में डिस्पोज़ेबल प्लास्टिक की बजाय मिट्टी के कुल्हड़ और स्टील के बर्तनों का उपयोग किया गया।श्लोक की माँ, डॉ नूतन पांडेय ने बताया, “श्लोक ने पहले ही बता दिया था कि इस बार वह अपने जन्मदिन पर सभी को गिफ्ट में पौधे देगा। फिर हमने तय किया था कि इस बार जन्मदिन इस तरह से मनाया जाय कि केवल खुशियाँ नहीं, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी दिया जा सके। बच्चे भी अगर शुरू से पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनें, तो बड़ा बदलाव संभव है। इतना ही नहीं, श्लोक प्रत्येक वर्ष अपने जन्मदिवस पर किसी गरीब बस्ती में या किसी अनाथालय में जाकर भोजन वितरण भी करता है। उसके बाद ही अपना जन्मदिन मनाता है। इससे समाज के प्रति खुद के दायित्व बोध का भी ज्ञान होता है।”इस मौके पर बच्चों के लिए एक पौधारोपण अभियान भी रखा गया, जिसमें सभी ने मिलकर विभिन्न स्थानों पर करीब 50 पौधे लगाए। वहीं, बच्चों को पर्यावरण सुरक्षा पर आधारित एक छोटा नाटक भी दिखाया गया।

स्थानीय निवासियों और अभिभावकों ने इस पहल की सराहना की और कहा कि यह एक प्रेरणादायक उदाहरण है, जिसे सभी को अपनाना चाहिए।

विशेषज्ञों का मानना है कि जन्मदिन जैसे आयोजनों में इको-फ्रेंडली विकल्पों को अपनाकर न केवल पर्यावरण की रक्षा की जा सकती है, बल्कि अगली पीढ़ी को एक बेहतर सोच के साथ बड़ा किया जा सकता है।

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