
बिलासपुर। बिलासपुर में ह्यूमन ट्रैफिकिंग का मामला सामने आया है। दो मानव तस्कर रेलवे पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। आरोपियों के चंगुल से दो महिलाओं को आजाद कराया गया है। आरोपी तस्कर महिलाओं का सौदा करने उन्हे राजस्थान के जयपुर लेकर जा रहे थे। गिरफ्तार आरोपी जशपुर और रायगढ़ जिले के रहने वाले हैं।दरअसल,ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर लगाम लगाने के लिए आरपीएफ ने मानव तस्करी विरोधी कार्य दल गठित किया है। जो ट्रेनों में गस्त कर इसपर नजर रखती है।
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इसी कड़ी में टीम दुर्ग अजमेर एक्सप्रेस में गस्त कर रही थी, तभी दो लोगों की गतिविधि उन्हे संदिग्ध लगी। उनके साथ दो महिलाएं भी थीं, जो उन्हे ठीक से नहीं जानती थी। स्थिति को संदिग्ध मानते हुए आरपीएफ की टीम ने चारों को अनूपपुर स्टेशन में उतार लिया। जिसके बाद महिला आरपीएफ की मौजूदगी में अलग से महिलाओं का काउंसलिंग कराया गया। जिसमें महिलाओं ने बताया कि,उन्हें नहीं पता कि वे कहां जा रही हैं। उनकी सहमति के बिना उन्हे ले जाया जा रहा है। साथ ही, उन्होंने बताया कि उनके परिजनों को भी उनकी यात्रा के बारे में जानकारी नहीं है। वे रायगढ़ और जशपुर जिलों में अपने-अपने घरों में वापस जाना चाहती हैं। महिलाओं से मिली जानकारी के बाद आरपीएफ की टीम ने इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को देते हुए तत्काल दोनों युवक हीरालाल चौहान निवासी पत्थलगांव और देवलाल तिग्गा निवासी धरमजयगढ़ को हिरसात में ले लिया। जिन्होंने पूछताछ में बताया कि, वे जयपुर, राजस्थान में महिलाओं को 20 – 20 हजार रुपये में बेचने की योजना बना रहे थे। आरपीएफ ने इसकी सूचना रायगढ़ पुलिस को भी दी है। जिसके बाद रायगढ़ पुलिस ने अलग से मामला दर्ज कर धर्मजयगढ़ से पुलिस की एक टीम भेजी है, टीम ने आरोपियों को हिरासत में ले लिया है।
द बिलासा टाइम्स

