जर्जर पानी टंकी कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा क्या बड़ी हादसे के बाद जागेंगे जिम्मेदार अधिकारी।

जर्जर पानी टंकी कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा क्या बड़ी हादसे के बाद जागेंगे जिम्मेदार अधिकारी।
खोंगसरा – कोटा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत आमागोहन में लगभग सन 1985 के आसपास नल जल योजनान्तर्गत पानी टंकी का निर्माण पी एच ई विभाग के द्वारा किया गया था शुरुवात में इस टंकी के निर्माण होने से ग्रामीणों को बहुत लाभ मिला बहुत आसानी से ग्रामीणों के घर तक जल आपूर्ति होने लगा धीरे धीरे समय बीतता गया और पानी टंकी से जल आपूर्ति बंद हो गया जल आपूर्ति बंद हो जाने के बाद पानी टंकी जर्जर होने लगा अब तो हालत और भी गंभीर होते जा रहा है टंकी का प्लास्टर उखड़कर नीचे गिरने लगा है जिससे कभी कभी ग्रामीणों को चोट भी लगा है,
यह पानी टंकी बालक प्राथमिक विद्यालय आंगन बाड़ी पंचायत भवन आमागोहन साप्ताहिक बाजार डाक घर के बीचों बीच पर बना हुआ साप्ताहिक बाजार होने के कारण गुरुवार को आसपास के क्षेत्र से ग्रामीण भारी संख्या में खरीदी करने आते है, वही बाहर से आए व्यापारी अपना दुकान लगाते है लेकिन जर्जर पानी टंकी को देख सभी को अपनी जान का खतरा बना रहता है । पूर्व में सरपंच एवम ग्रामीणों के द्वारा इस टंकी को ध्वस्त करने के लिए पी एच ई विभाग से बात भी कर चुके है ,लेकिन पी एच ई विभाग बड़ा हादसे का इंतजार कर रहा है, और इस मामले से अपना पल्ला झाड़ रहे है। आमागोहन सरपंच हेम सिंह कंवर ने बतलाया की इस टंकी को ध्वस्त करने के लिए पी एच ई विभाग को लिखित आवेदन किया गया था। आवेदन करने के बाद पी एच ई विभाग के अधिकारियों का कहना है की हमारा कार्य निर्माण करना है, ध्वस्त करना नही इस लिए अनुविभागीय अधिकारी कोटा से बात कर इसको ध्वस्त करवा सकते हैं। बहरहाल देखना होगा जर्जर पानी टंकी को कब तक गिराया जाता है या फिर बड़ी हादसा होने के बाद ही जिम्मेदार अधिकारी जागेंगे।
लोक सुराज में जर्जर पानी टंकी को गिराने किया गया था आवेदन।
जर्जर पानी टंकी को ध्वस्त करने के लिए पूर्व में लोक सूरज अभियान में आवेदन किया गया था लेकिन पी एच ई विभाग के द्वारा बताया गया उनका काम निर्माण का है और ध्वस्त करने के लिए अनुविभागीय अधिकारी कोटा से बात करो जब अनुविभागीय अधिकारी आमागोहन दौरे पर आए थे तब उनको वस्तुस्थिति से अवगत करवाएं रहे लेकिन वर्तमान समय तक कोई ध्यान नही दे रहे।
मजीद अहमद पंच ग्राम पंचायत आमागोहन।

