नव निर्माण कुण्ड का स्थापना स्वामी शिवा नंद जी द्वारा किया गया ।

नव निर्माण कुण्ड का स्थापना स्वामी शिवा नंद जी द्वारा किया गया।
कोटा।श्री सिद्ध बाबा अद्वैत आश्रम बेलगहना से संबन्धित मां नर्मदा आश्रम बरर मे कुण्ड निर्माण एवं शिव जी का स्थापना किया गया ब्रह्मलीन स्वामी श्री 1008 श्री सदानंद महाराज जी के परम शिष्य महात्मा श्री श्री 108 श्री शिवानंद महाराज जी के सानिध्य एवं मार्गदर्शन में तथा श्री सेवा समिति के द्वारा तन,मन,धन दे कर भक्तिमय मीरा कुण्ड एवं श्री सदानंदेश्वर भगवान शिवलिंग मूर्ति का निर्माण कर विधि विधान के अनुसार शनि जयंती सोमवती अमावस्या के शुभ अवसर पर स्थापना किया गया। उक्त नव निर्मित कुंड में सरयु नदी ,यमुना,गंगा,काबेरी एवं कृष्णानदि पांच पवित्र नदियों का जल स्वामी श्री शिवानंद महाराज के कर कमलों के द्वारा कुंड में जल को मिश्रण किया गया।
प्राचीन समय से ही बरर आश्रम में मां नर्मदा मईया का उदगम है।यह स्थान चारो तरफ से पर्यावरण से घिरा हुआ जहा निरंतर जल प्रवाह हो रही है । इस स्थान पर बहुत घना जंगल हुआ करता था। जहां ऋषि मुनि तप किया करते थे।इसलिए यहाँ आज भी उनका प्रभाव दिखाई देता है।और उसी समय से मां नर्मदा मईया कल-कल,छल छल करती संगीत ध्वनि के साथ मां नर्मदा मईया कि जल प्रवाहित हो रहा है। प्रवाहित होती जल गर्मी के मौसम में ठण्डा जल और ठंड के मौसम में गर्म रहता है। आश्रम में शास्त्रीय संगीत का आयोजन में दूर-दूर से कलाकार अपना प्रस्तुति देकर मंत्र मुग्ध किये साथ ही भंडारे का भी आयोजन किया गया, जिसमे, बेलगहना, मुंगेली बिलासपुर कोटा, रतनपुर, जांजगीर चांपा कोरबा लोरमी, कुरवार, पेण्ड्रा करिआम बस्ती(बगरा)पंडरा पथरा आदि अंचलों से श्रद्धालु गढ़ भक्त इस कार्यक्रम में सम्मलित हुये।
आस्था का केंद्र है बरर -
बरर आश्रम ग्राम बरर कंचनपुर के बीच में है। जिसका प्रवाह अरपा नदी के पुल कंचनपुर के पास जा मिली है। सेवा समिति के देव दुर्लभ भक्तों ने धार्मिक आस्थाओं में हमेशा बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। इनकी निस्वार्थ सेवा जो कि सराहनीय रहता है। पूज्य स्वामी जी के श्री हाथों से 114 सेवा समिति के सदस्यों को वस्त्र श्री फल भेंट किया गया।

