चेतावनी देकर कार्यवाही करना भूल गए अधिकारी, मनरेगाकर्मियों की हड़ताल अभी भी है जारी।

चेतावनी देकर कार्यवाही करना भूल गए अधिकारी, मनरेगाकर्मियों की हड़ताल अभी भी है जारी।
बिलासपुर। जिला पंचायत सीईओ ने हड़ताल करने वाले मनरेगा कर्मचारियों को काम पर लौटने की चेतावनी देने के बाद कार्रवाई करना भूल गए हैं। चेतावनी के पांच दिन बाद भी मनरेगा कर्मी न काम पर लौटे हैं और न किसी के उपर कार्रवाई हुई है। अधिकारी अपने ही आदेश पर अमल नहीं है। दूसरी ओर मनरेगाकर्मियों ने कार्रवाई करने के की छूट दे रखी है। जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक किसी भी हालत में काम पर नहीं लौटने पर अड़े हुए हैं। कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों के हाथ कांपने लगे हैं।
चार अप्रैल से प्रदेशभर के मनरेगा कर्मचारी दो सूत्रीय मांग नियमितीकरण और रोजगार सहायकों के वेतन वृद्धि करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ाताल पर चले गए हैं। शासन स्तर पर चर्चा भी चली। लेकिन सरकार और मनरेगा कर्मियों के बीच बात नहीं बन पाई। यही वजह है कि अभी तक मनरेगा का काम शुरू नहीं हो सका है।
17 अप्रैल को जिला पंचायत सीईओ एस हरीश ने आदेश जारी कर मनरेगा कर्मचारियों को 24 घंटे के भीतर काम पर लौटने की चेतावनी दी थी। काम शुरू नहीं करने पर पद से हटाने और नई नियुक्ति करने की भी बात कही गई थी। दूसरी ओर मनरेगा कर्मचारियों ने काम पर नहीं लौटने का ऐलान कर दिया है। आदेश के पांच दिन बाद भी किसी भी मनरेगा कर्मी काम पर नहीं लौटे हैं। इसके बाजवूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
ये काम हो रहे हैं प्रभावित ।
प्रधानमंत्री आवास निर्माण, पशु शेड, मुर्गी शेड निर्माण, भूमि समतलीकरण, कूप निर्माण, निजी डबरी निर्माण, सड़क निर्माण, उद्यानिकी, मछलीपालन, बकरीपालन, मुर्गीपालन के लिए शेड निर्माण के काम ठप पड़े हैं। ग्राम पंचायतों में तालाब गहरीकरण, सौंदर्यीकरण काम रुका है। करीब एक हजार विकास कार्य पूरी से बंद पड़ा है। सभी तालाब सूखा दिया गया है। इसके बाद मनरेगाकर्मी हड़ताल पर चले गए हैं।

