घर घर जाकर बांट रहे रेडी टू ईट व गर्म भोजन,कार्यकताओं के लिए यह आदेश बन रहा परेशानी का कारण

बिलासपुर संक्रमण फैलने के डर से शासन द्बारा केंद्र में बच्चों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाती है। लेकीन समय- समय पर उन्हें पोषण आहार देने का निर्देश जारी किया जाता है। लेकीन बच्चों को गर्म भोजन व रेडी टू ईट का वितरण कार्यकता व सहायिकाओं द्बारा घर घर जाकर किया जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकताओं के लिए यह आदेश परेशानी का कारण लग रहा है। क्योंकि शहर का अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्र में सहायिका की कमीं से गुजर रहा है।
केंद्र द्बारा आंगनबाड़ी में आने वाले 3 से 6 वर्ष के बच्चों को गर्म भोजन जबकि 0 से 6 माह के बच्चों एवं गर्भवती शिशुवती महिलाओं को रेडी टू ईट का वितरण किया जाता है। इसके लिए केंद्र में भोजन बनाकर बच्चों के अभिभावकों को फोन कर बुलाते हैं और टिफिन में दाल सब्जी रोटी पापड़ अचार पैक कर वितरण किया जाता है। लेकिन अभिभावकों के केंद्र नहीं पहंुचने की स्थिति में कार्यकता अथवा सहायिका घर जाकर गर्म भोजन व रेटी टू ईट वितरण करते हैं। हितग्राहियों को घर जाकर यह सुविधा उपलब्ध कराना कई केंद्र के कार्यकर्ताओं के लिए परेशानी का सबब बन गया है। क्योकि शहर के अधिकतर केंद्र में सहायिका ही नहीं है। जिससे सभी कार्य आंगनबाड़ी कार्यकताã को खुद ही करना पड़ता है।
बिलासपुर शहर में 268 आंगनबाड़ी केंद्र है जिसमें सौ से ज्यादा ऐसे केंद्र हैं जहां सहायिका अथवा कार्यकता की कमीं है। इन कमियों के बीच घर-घर भोजन और रेडी टू ईट पहुंचाना केवल परेशानी का कारण है। केंद्र खूले रहने से व्यवस्थित दिनचर्या के बीच बच्चों को सहजता से भोजन प्रदान किया जाता था।
द बिलासा टाईम्स

