आत्मानंद इंग्लिश मीडियम सरकारी स्कूलों की व्यवस्था को लेकर हो रहे कई सवाल खड़े ।

आत्मानंद इंग्लिश मीडियम सरकारी स्कूलों की व्यवस्था को लेकर हो रहे कई सवाल खड़े ।
बिलासपुर। जिले सहित प्रदेश भर में स्वामी आत्मानंद स्कूल खुल गए हैं लेकिन जिले में स्थापित स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम सरकारी स्कूलों की व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। भले की अधिकाररियों द्वारा कागजों में बच्चों के बेहतर भविष्य का दावा किया जा रहा है। किंतु तस्वीरें प्रशासनिक शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती नजर आती है।हम बात कर रहे हैं बिलासपुर ज़िले की बिल्हा विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय अंतर्गत लिंगियाडीह में संचालित स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल की जहां सैकड़ों बच्चे अपने भविष्य सवारने हेतु अध्ययन करने स्कूल आते हैं किंतु प्रवेश द्वार पर घुसते ही उनके मन में बदहाल व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगते हैं क्योंकि कीचड़ से लथपथ और उबड़ खाबड़ रास्ता और स्कूल मैदान में चारों ओर बेतरतीब ढंग से बिखरा मटेरियल (गिट्टी, रेत,सेंट्रिंग प्लेट)उनकी परेशानी का बड़ा कारण है।
रोज इन्ही बाधाओं को पार कर स्कूल प्रांगण में प्रवेश होता है।
ऐसा नहीं है कि इन बाधाओं से सिर्फ बच्चे प्रभावित होते हैं बल्कि पालक और शिक्षकों को भी इसका सामना रोज करना होता है। यहाँ ठेकेदार द्वारा स्कूल बिल्डिंग का निर्माण कराया जा रहा है इसलिए बिल्डिंग मटेरियल लेकर चार पहिया वाहनों आना जाना हर रोज लगा रहता है।
प्रवेश मार्ग कीचड़ युक्त होने से बच्चों,पालकों और शिक्षकों के साथ कभी भी कोई दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है।
ठेकेदार द्वारा स्कूल के कक्षाओं में बिल्डिंग मटेरियल जैसे छड़, सीमेंट,और अन्य मटेरियल को रखा गया है जिससे भी स्कूली बच्चों के जीवन को खतरा है।
इन तस्वीरों से साफ है कि स्कूल की सतत मॉनिटरिंग करनें का दावा झूठ साबित हो रहा है और प्रतिदिन स्कूल आने वाले बच्चे,पालक और स्कूल स्टाफ कभी भी दुर्घटना के शिकार हो सकते हैं।इस क्षेत्र की निगम जोन कमिश्नर भी यहां निर्माण कार्य का निरीक्षण करनें चार पहिया वाहन में सवार होकर आई थीं किंतु उन्होंने भी इस गंभीर समस्या पर ध्यान नहीं दिया। चाहती तो ठेकेदार को निर्देश देकर समस्या का तत्काल समाधान किया जा सकता था।बहरहाल एयर कंडीशनर केबिन में बैठकर कागजों में समीक्षा कर अधिकाररियों की पीठ थपथपाने वाले जिम्मेदार अधिकारी इस खबर के बाद बच्चों के हित में क्या कुछ कदम उठाते हैं यह तो आने वाला समय ही बतलायेगा।

