छत्तीसगढ़धर्मबिलासपुर संभागबिहाररमेश भट्ट - एडिटर& चीफ।समाजिकसंस्कृति

माँ मरीमाई मंदिर प्रांगण सिरगिट्टी छठघाट पर उगते सूर्य को अर्घ देने सपरिवार पहुंचे क्षेत्र के कांग्रेस नेता राजेन्द्र शुक्ला।

बिलासपुर छठ पर्व उगते सूरज की आराधना का उत्सव है। किसी भी सभ्यता के यशस्वी होने के लिए भविष्य की पूजा करना आवश्यक होता है। हमारी हिंदू सभ्यता में सूर्य देवता को भविष्य माना जाता रहा है। छठ पूजा आयोजन समिति सिरगिट्टी के द्वारा लगातार 10 सालो से यह छठ पूजा का आयोजन किया जाता रहा है।

इस साल भी सिरगिट्टी के माँ मरी माई माता मंदिर तालाब प्रांगण में पूजा का आयोजन किया गया। उगते सूर्य को अर्घ देने के लिए अथिति के रूप में राजेन्द्र शुक्ला सपरिवार पहुँचकर आरती में शामिल हुए।बता दें कि जन आस्था का लोकपर्व छठ का आज चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठव्रतियों ने छठ पर्व का विधिवत समापन किया। कल यानी की बीते बुधवार को अस्तागामी सूर्य को अर्घ्य देकर छठव्रतियों ने बिलासपुर शहर से लगे सिरगिट्टी परिक्षेत्र के ऐतिहासिक छठ घाट में डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया।

बिलासपुर रेलवे स्टेशन से लगे दक्षिण क्षेत्र में स्थित माँ मरीमाई माता मंदिर प्रांगण न्यू कॉलोनी सिरगिट्टी में यह छठ घाट है तालाब के चारों ओर आज का नजारा देखने लायक था।यहां हर साल हजारों की तादात में आस पास के श्रद्धालु और आमजन पहुंचते हैं।छठ पर्व तप,त्याग,सादगी,संयम और समर्पण का लोकपर्व है।राजेन्द्र शुक्ला ने बताया कि, इस वर्ष छठी मईया के उपासना के साथ ज्यादातर लोग परिवार के सुख समृद्धि और कोरोना से पूर्ण मुक्ति के लिए लोगों ने कामना की है।

गौरतलब है कि नहाय खाय के साथ छठ पर्व की शुरुवात हुई थी,जिसमें 36 घंटे के कठोर व्रत के साथ व्रती उपासना कर रहे हैं। आज उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रतियों ने पारण किया ।

द बिलासा टाईम्स

 

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