अपराधछत्तीसगढ़बिलासपुर संभाग

असामाजिक तत्वों द्वारा 11 केवी लाईन में पेड़ काट कर गिरा दिया , विद्युत आपूर्ति रही बाधित, व्यवस्था में सुधार करने कनिष्ठ यंत्री ने वन विभाग और थाना को लिखा पत्र।

              मनमोहन सिंह✍️

 

कोटा। खैरा वन परीक्षेत्र रतनपुर अंतर्गत आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों के घने जंगलों में लगातार हो रही अवैध कटाई से विद्युत व्यवस्था बाधित हो रही है।बरसात के मौसम में हर समय विद्युत समस्या पैदा होने से रात के अंधरे में ग्रामीणों सहित विभागीय विभागीय कर्मचारियों में भय का माहौल बना रहता था।11 केवी में लगातार हो रही पेड़ों की अवैध कटाई से परेशान कनिष्ठ यंत्री ने वन विभाग एवं आरक्षी केंद्र रतनपुर में शिकायत कर समस्या का निराकरण करने मांग किया है।   बिलासपुर डिवीजन अंतर्गत रतनपुर रेंज के मुख्य मार्ग से लगे हुए जंगल मे सुबह शाम लकड़ी तस्कर सक्रिय होने से जंगलों की सुरक्षा में उठने लगा सवाल है।आखिर क्या है माजरा और क्यों जंगल को संरक्षित रखने विभागीय अधिकारी ठोस कदम उठाने की बजाय मौन है। ग्रामीण अंचल,खैरा,चपोरा,बारीडीह,बांसाझाल,पचरा,

पुडू के घने जंगलों में बेशकीमती नीलगिरी,सागौन,सरई जैसे पेड़ों की अवैध कटाई का खेल जोरों पर चल रहा हैं।पेड़ काटने का जुनून इतना की 11 केवी प्रवाहित हो रही विद्युत धारा के चपेट में आ आने का डर भी नहीं है।पेड़ काटकर लगातार 11 केवी तार में गिराया जा रहा है।

 असमय विद्युत व्यवस्था बाधित होने से परेशान विद्युत विभाग चपोरा कनिष्ठ यंत्री ने वन परीक्षेत्र रतनपुर और रतनपुर थाना में शिकायत आगामी कार्यवाही के लिये आवेदन दिया है।शिकायत में बताया है की विद्युत केंद्र चपोरा अंतर्गत ग्राम 11 केवी बांसाझाल,पुडू,मोंहदा और खैरा फीडर में अज्ञात व्यक्ति द्वारा पेड़ काटने से विद्युत व्यवस्था बाधित होती हैं। जिससे पेट्रोलिंग में समय लगता है।विद्युत उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली सेवा करने परेशानी उत्पन्न होती है।उक्त लाईन में रात में पेट्रोलिंग करने में जंगली जानवरों सहित अन्य वन्य जीवों का भी भय बना रहता है। बहरहाल देखना यह होगा कि क्या विभाग अवैध कटाई को रोकने में कामयाब होती है। या फिर पेड़ों को सूट में तब्दील करने साक्षी बनती है।यह तो आने वाला समय ही तय करेगा।

 

अवैध कटाई के साथ कब्जा का खेल जोरों पर

– लाखों करोड़ों रुपए की राशि खर्च कर लगाया गया पौधा अब केवल भगवान भरोसे ही सुरक्षित नजर आ रहा है। सुबह हो या शाम पेड़ों की कटाई अनवरत प्रतिदिन जारी है। जंगलों की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए पहरेदार कुंभकर्णीय निद्रा में वनों की रखवाली कर रहे हैं।जमीन अधिग्रहण के साथ लकड़ी तस्कर करने अंधाधुन पेड़ों की बलि चढ़ाई जा रही है।जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण ठूठ में तब्दील बेशकीमती पेड़ मुख दर्शक बने विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों की उदासीनता को बयां कर रहे हैं।

 आरके गोड़ कनिष्ठ यंत्री विद्युत विभाग चपोरा,

विगत 2 माह से 11 केवी बांसाझाल और पुडू में अज्ञात ग्रामीणों द्वारा नीलगिरी पेड़ को काट कर गिरा दी जा रही है।यह समस्या रात 10 बजे के बाद और सुबह 4 बजे से पहले हो रहा है।जिससे उस फाल्ट को ढूंढ़ने में समय लग जाता है।जिसकी वजह से विद्युत बाधित हो रहा है।रात में जानवरों का भय रहता है इसलिए पूरे ग्रुप में जाने से ही कार्य संपन्न होता है।

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