एसडीएम ने बिलासपुर प्रेस क्लब के सदस्य पत्रकार को फ़ोन पर शिकायत करने के कारण दी धमकी।

बिलासपुर।एसडीएम तुलाराम भारद्वाज ने बिलासपुर प्रेस क्लब के सदस्य पत्रकार विलोकेश श्रीवास्तव को फ़ोन पर शिकायत करने के कारण धमकी दी।
बता दें कि 24 अगस्त को पत्रकार विलोकेश ने एसडीएम बिलासपुर और पटवारी आलोक तिवारी पर थाना सरकंडा में दर्ज अपराध क्रमांक 250/2022 आरोपी भोंदूदास मामले में शासकीय ऑनलाइन रिकार्ड से चिल्हाटी के खसरा नम्बर 224/380 में दर्ज भूमिस्वामी का नाम विलोपित करके केवल डेस डेस लाइन लिखने का शिकायत पेश किया था। जिसमें एसडीएम बिलासपुर पर पटवारी आलोक तिवारी को संरक्षण देने और कोई कार्यवाही नहीं करने का आरोप भी एसडीएम पर लगाया था।
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मोपका के ज़मीन के महाघोटाले में पटवारी पर सबूत मिटाने का लगा गम्भीर आरोप
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दिनांक 26 अगस्त को शाम को पत्रकार विलोकेश श्रीवास्तव ने एसडीएम बिलासपुर तुलाराम भारद्वाज को बाढ़ राहत प्रबंधन के बारे में दैनिक जानकारी अख़बार में खबर लगाने के लिए फ़ोन लगाया। तो एसडीएम तुलाराम भारद्वाज एकदम तिलमिला गए। और ऊँची आवाज़ में ज़ोर ज़ोर से अमर्यादित भाषा में पत्रकार को धमकी देने लगे। कि तुम मेरे ख़िलाफ़ शिकायत किए हो तुमको कोर्ट में घसीटूँगा। तुमको देख लूँगा। मीडिया के बारे में भी अनबैलेंस होकर उल्टा सीधा बोलने लगे। इस बातचीत को विलोकेश श्रीवास्तव ने आधा ही रिकार्ड कर पाया था बाक़ी का रिकार्डिंग नहीं कर पाए। इसमें और अनाप शनाप बोलने लगे एसडीएम साहब।
इसकी शिकायत पत्रकार विलोकेश श्रीवास्तव ने कलेक्टर कमिश्नर और प्रेस क्लब में किया है। यहाँ पर यह महत्वपूर्ण बात है कि एक तरफ़ प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल पत्रकारों के हित के लिए जायदा से जायदा काम करने का दावा कर रहें हैं। वहीं पर उनके अधिकारी पत्रकारों को ही धमकी दे रहें है। एसडीएम साहब एक बात भूल जाते हैं कि वो जनता के नौकर हैं। जनता के टैक्स के पैसों से ही एसडीएम को वेतन मिलता है। यदि जनता को या किसी को भी कोई गलती दिखेगी तो वह तो शिकायत करेगा ही। यदि एसडीएम साहब पाक साफ़ है तो धमकी देने या तिलमिलाने का क्या ज़रूरत है। शांति से जाँच करवा लें और पाकि साफ़ हैं तो कोई दिक़्क़त ही नहीं है। पटवारी आलोक तिवारी ऑनलाइन रिकार्ड से भोंदूदास प्रकरण के साक्ष्य को मिटाते जा रहा है। पटवारी पर कारवाही के बजाय उल्टे पत्रकार को ही धमकाना चालू कर दिए।

