बिलासपुर रेल्वे जोन का खोगसरा स्टेशन बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा, यात्रियों को हो रही परेशानी।

बिलासपुर रेल्वे जोन का खोगसरा स्टेशन बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा, यात्रियों को हो रही परेशानी।
बिलासपुर। देश के सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले रेलवे ज़ोन में शामिल बिलासपुर रेलवे ज़ोन के तहत आने वाला खोंगसरा रेलवे स्टेशन (KGS) बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा है। इस स्टेशन पर यात्रियों के बैठने, पीने के पानी, रोशनी और सुरक्षित आवागमन के लिए ज़रूरी पैदल पुल जैसी बुनियादी सुविधाएँ नदारद हैं।
- स्टेशन पर यात्रियों को हो रही भारी असुविधा
स्टेशन पर यात्रियों के बैठने के लिए कोई सही सलामत कुर्सी नहीं है। सभी टूटी-फूटी और खराब हो चुकी हैं, जिससे यात्रियों को घंटों खड़े रहकर ट्रेन का इंतज़ार करना पड़ता है। रात के समय प्लेटफॉर्म पर अंधेरा पसरा रहता है, जिससे सुरक्षा संबंधी चिंताएँ बढ़ जाती हैं।
पैदल पुल का अभाव, दुर्घटनाओं को दे रहे न्योता
स्टेशन पर पैदल पुल की कमी के कारण यात्रियों को रेलवे ट्रैक पार करना पड़ता है, जिससे कई दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं। हाल ही में एक वृद्ध महिला की जान चली गई, जिसके बाद स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने रेल मंत्री को शिकायत भेजी थी। इसके बाद एक नया पैदल पुल तो बना, लेकिन प्लेटफॉर्म-2 से दूसरी ओर जाने का रास्ता अब भी अधूरा पड़ा है।
- जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों की नाराज़गी।
इस समस्या को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि अजहर खान ने बताया, “हमारा बचपन इस स्टेशन के पास बीता है। लेकिन पिछले 10-12 वर्षों में इसकी हालत और बदतर हो गई है। रेलवे को इस पर तुरंत ध्यान देना चाहिए।”
- सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप शर्मा ने कहा,
“रेलवे प्रशासन को इस स्टेशन की मूलभूत सुविधाओं को लेकर गंभीर होना चाहिए। ट्विटर और अन्य माध्यमों से हम लगातार आवाज़ उठा रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।”
रेल प्रशासन कब लेगा संज्ञान जिम्मेदार अधिकारियों की आखिर क्यों नजर अंदाज कर रहे?
स्थानीय लोगों और यात्रियों की ओर से कई बार DRM और GM को ज्ञापन सौंपा गया है, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई। ट्विटर x और अन्य माध्यमों से रोज़ शिकायतें की जा रही हैं, फिर भी रेलवे प्रशासन चुप्पी साधे हुए है।यात्रियों और स्थानीय लोगों की मांग है कि रेलवे जल्द से जल्द खोंगसरा स्टेशन पर मूलभूत सुविधाओं को बहाल करे और यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का माहौल दे। अब देखना होगा कि रेलवे कब इस गंभीर समस्या का समाधान करता है।

