जलाशाय निर्माण के 13 वर्ष बाद भी अफसरशाही से नहीं बुझ रही किसानों के खेत की प्यास। आखिर कब मिलेगी किसानों को सिंचाई की सुविधा।

बिलासपुर – कोटा विधानसभा क्षेत्र के जननायक रहे स्वर्गीय राजेंद्र प्रसाद शुक्ला द्वारा सिंचाई की सुविधा से वंचित हो रहे किसानों को समृद्ध करने की मंशा से रैनकोटा जलाशय निर्माण कार्य का सपना देखा।जो सन 2008-09 मे मूर्त रूप लेते हुए साकार भी हो गया। जलाशय निर्माण पूर्ण होते ही किसानों में मिलने वाली पानी की सुविधा से अपनी लहलहाती फसलों को लेकर चेहरे पर मुस्कान आ गई। वक्त के बढ़ते पहिए के साथ 13 बरस का समय भी गुजर गया।इन 13 वर्षों में 4 पंचायत के 14 गांव की किसानों के लिये ना तो नहर निर्माण कार्य पूर्ण हुआ और ना ही सिचाई की सुविधा मिल पाई। जिसकी वजह से किसानों की मुस्कान अब चिंता में बदल गई है।जल संसाधन संभाग पेंड्रा रोड की बड़ी लापरवाही की वजह से लबालब भरा हुआ जलाशय पूछ दिखाकर घोड़ा बेचने की कहावत को सत्यार्थ करती हुई नजर आ रही है। क्योंकि पर्याप्त पानी की सुविधा होते हुए भी बगैर नहर कि सुविधा से खेतों की प्यास बुझाया नहीं जा सकता।वहीं राजस्व विभाग एवं जल संसाधन संभाग की लापरवाही शासन और ग्रामीण दोनों पर भारी पड़ता हुआ नजर आ रहा है।
11 वर्ष पूर्व तय की गई मुआवजा राशि समय पर भुगतान नहीं किए जाने से अब वर्तमान दर अनुसार किसानों को भुगतान किया जाएगा। जिससे शासन को अतिरिक्त भार का बोझ उठाना पड़ेगा ।तो वहीं लगातार किसानों की मांग पर मुआवजा राशि दिलाने विभागीय अधिकारियों द्वारा रुचि नहीं लेना किसानों पर भारी पड़ता जा रहा है। शायद यही वजह है कि जलाशय किसानों के लिए अब महज छलावा साबित हो रहा है। जिसे लेकर किसानों में सिंचाई विभाग के प्रति आक्रोश होना व्याप्त है।
- 10 वर्ष बाद भी निर्माण कार्य अधूरा
रैनकोटा जलाशय निर्माण के बाद ग्रामीण कृषकों के खेतों को सिंचाई की सुविधा देने के लिए विगत 10 वर्ष से नहर का निर्माण कार्य किया जा रहा है। जो एक दशक का समय बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य महज कागजों में ही बनता हुआ नजर आ रहा है। जल संसाधन संभाग द्वारा भू अर्जन करने के पश्चात गांव तक पानी पहुंचाने नहर की खुदाई की गई। जिसकी आज तक साफ सफाई और मरम्मत कार्य नहीं किया जा सका।आलम यह हो गया है कि नहर अब समतल होकर अपने अस्तित्व तलाश रही है। जिसकी पुन: खुदाई करने के पश्चात ही किसानों तक पानी पहुंचाया जा सकेगा।
- 11 वर्ष बाद भी मुआवजा प्रकरण अधूरा
अधिकृत अधिकारी जल संसाधन संभाग पेंड्रा रोड द्वारा जमीन अधिग्रहण किए जाने के बाद अनुविभागीय अधिकारी राजस्व भू अर्जन अधिकारी कोटा द्वारा धारा 05 और धारा 09 भू अर्जन अधिनियम 1984 अंतर्गत 15 सितंबर 2010 को मुआवजा राशि मेरी के लिए किसानों को दावा आपत्ति के नोटिस जारी किया गया था जिसका किसानों के द्वारा 15 फरवरी 2011 को उपस्थित होकर मुआवजा राशि लेने नोटिस का जवाब प्रस्तुत कर प्रक्रिया पूरा कर दिया गया था। बावजूद इसके जिन किसानों का जमीन अधिग्रहण किया गया था उन्हें अभी तक अपनी मुआवजा राशि के लिए भटकना पड़ रहा है ।
- मिथलेश दास ग्रामीण किसान
रैनकोटा जलाशय निर्माण में पर्याप्त पानी का भराव है। जल संसाधन विभाग द्वारा किसानों को सिचाई के लिये पानी नहीं पहुंचाया गया है। सालों पहले जो नहर बना था वह भी अब समतल हो चुका है। नहर बनाने के लिए भू अर्जन की गई जमीन का आज तक किसानों को मुआवजा राशि भी नहींं मिला है।
- महेश पैकरा सरपंच प्रतिनिधि
लगातार मांग के बाद भी क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है।आज तक ना तो नहर के साफ सफाई हुई ना ही मरम्मत कार्य किया गया है। पानी की सुविधा उपलब्ध होने के बाद भी क्षेत्र के किसान सिंचाई के लिए मोहताज हो रहे हैं।
- संतोष कौशिक एसडीओ बेलगहना
सेकर, पचरा,उमरिया दादर माइनर में मरम्मत का कार्य प्रगति पर है। बरसात के पहले थोड़ा सा काम हुआ था। मजदूर नहीं मिलने के कारण कार्य अभी बंद है। जल्द ही मनरेगा के तहत कार्य प्रारंभ कर नहर मरम्मत कार्य दुरुस्त किया जाएगा।ताकि किसानों को पानी की सुविधाा मिल सके।

