नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने वनविभाग में घोटाले का उठाया मामला, बेलगहना वन परीक्षेत्र कार्य भुगतान में गड़बड़ी,मास्टरोल में फर्जी हाजरी डालकर भुगतान।

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने वनविभाग में घोटाले का उठाया मामला, बेलगहना वन परीक्षेत्र कार्य भुगतान में गड़बड़ी,मास्टरोल में फर्जी हाजरी डालकर भुगतान।
कोटा।बिलासपुर वन मंडल के अंतर्गत कैंप सहित केंद्र व राज्य शासन की विभिन्न् योजना के तहत किए गए कार्य में घोटाला फूटा है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने विधानसभा में गड़बड़ी के संबंध में ध्यानाकर्षण लगाते हुए वन मंत्री से जवाब मांगा है। वन मंत्री ने अपने लिखित जवाब में बताया है कि बेलगहना वन परिक्षेत्र के अंतर्गत 29 सिंतबर 2021 को विभिन्न् कार्यों के अंतर्गत किए गए भुगतान में गड़बड़ी की शिकायत प्राप्त हुई है। वन मंडालाधिकारी बिलासपुर को इस संबंध में जांच रिपोर्ट पेश करने निर्देश जारी किया गया है। इस संबंध में छह अक्टूबर 2021 को पत्र जारी किया गया है।डीएफओ ने उप वनमंडलाधिकारी कोटा के माध्यम से जांच कराई है। उप वनमंडलाधिकारी कोटा के द्वारा पांच मार्च2022 के माध्यम से जांच प्रतिवेदन वनमंडलाधिकारी, बिलासपुर वनमंडल को प्रस्तुत किया गया है। उपवनमंडलाधिकारी कोटा के जांच प्रतिवेदन में प्रारंभिक रूप से अनियमितता दिखाई दे रहा है। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि इसका परीक्षण उधा अधिकारियों के द्वारा किया जा रहा है। अंतिम जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध विधि सम्मत कार्यवाही की जाएगी।
कहुआ नाला के अंतर्गत कक्ष क्रमांक 1174 व 1175 में किए गए कार्य में मजदूरी भुगतान के संबंध में अनियमितता मिलने की जानकारी वन मंत्री ने दी हे। उनक कहना है कि मजदूरों के प्रमाणक में दर्शित राशि एवं खाते में की गई भुगतान में विसंगति के संबंध में मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर वृत्त के कार्यालयीन आदेश पांच अक्टूबर 2021 के द्वारा उपवनमंडलाधिकारी, कोटा को जांच हेतु निर्देशित किया गया था। इसी संबंध में शिकायतकर्ता द्वारा 12 जुलाई 2022 को पुन: शिकायत प्रेषित किये जाने पर मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर ने 18 जुलाई 2022 को मामले की जांच हेतु उपवनमंडलाधिकारी कोटा को निर्देशित किया गया। उपवनमंडलाधिकारी कोटा ने 21 जुलाई 2022 के द्वारा जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत डीएफओ के समक्ष पेश कर दिया है। इसका परीक्षण उधा अधिकारियों के द्वारा किया जा रहा है। अंतिम जांच प्रतिवेदन में दोषी पाये जाने पर दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध विधि सम्मत कार्यवाही की जावेगी ।
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने पूछे अहम सवाल
उप वन मंडलाधिकारी कोटा ने पांच मार्च 2022 को आमानाला ब्रशवुड चैक डेम की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। यदि हां तो रिपोर्ट में क्या-क्या बिंदु थे और कौन दोषी पाया गया।शासन के साथ धोखाधड़ी कुटरचना कर फर्जी प्रमाणक तैयार कर भुगतान करने सेवक राम बैगा, उप वन क्षेत्रपाल व विजय कुमार साहू, रेंजर को दोषी पाया गया और अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए लिखा गया तथा इन दोनो को आठ लाख 59 हजार 407 स्र्पये गबन करने व उनसे वसूली करने की अनुशंसा की गई है। वन मंडलाधिकारी बिलासपुर को पांच मार्च 2022 को भेजी गई थी उस पर चार माह के अंदर डीएफओ के द्वारा क्या कार्यवाही की गई है और यदि नहीं की गई है तो क्यों। मामले को दबाने वाले डीएफओ के खिलाफ राज्य सरकार कार्रवाई करेगी क्या।
इस सवाल का मिला जवाब
मोगरा बाई, अखिलेश, रूपेश कुमार, गोमती बाई, सुनयना, अराधना, अवधबाई, रामकुमार, पंचराम, ग्राम छूईया को मजदूर सूची प्रमाणक अनुसार कितना भुगतान करना था और कितना भुगतान किया गया। यदि ज्यादा भुगतान किया गया है तो कितना और कौन दोषी है तथा उस पर क्या कार्यवाही की गई। क्या यह सही है कि मुख्य वन संरक्षण बिलासपुर द्वारा बेलगहना रेंज में स्टॉप डेम निर्माण कार्य में मजदूरी राशि अप्राप्त होने की शिकायत उपेन्द्र सिंह द्वारा की गई थी यदि हां तो कौन-कौन जांच अधिकारी बने व इनके द्वारा रिपोर्ट कब व किसको दी गई और क्या प्रमुख निष्कर्ष था।
वन मंत्री ने दिया जवाब।
129 श्रमिक में से 78 श्रमिकों की राशि खाते में जमा की गई और 51 की नहीं की गई। दैनिक मजदूरी से अधिक राशि जमा की गई तथा गणेश बहादूर, परशुराम. अमन सिंह, धनतेरस ने बताया कि उन्हें भुगतान मजदूरी का नहीं किया गया।मोंगरा बाई को देना था 14 हजार 900 स्र्पये,मस्टर रोल में बताया 25 हजार 362 स्र्पये
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने फर्जी भुगतान का दस्तावेज पेश करते हुए कहा कि कहुआ नाला कक्ष क्रमांक 1174 व 1175 में मजदूरों को फर्जी भुगतान किया गया है। दस्तावेजों के अनुसार मोंगरा बाई ग्राम छुईया को 14900 रुपये के स्थान पर 25362 रुपये अखिलेश ग्राम छुईया को 6179 स्र्पये के स्थान पर 34406 स्र्पये, गोमती बाई को 5811 स्र्पये के स्थान पर 40953 स्र्पये का भुगतान किया गया है।

