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परंपरागत खेलों को जीवित रखना जरूरी—-वासुदेव रेड्डी।

परंपरागत खेलों को जीवित रखना जरूरी----वासुदेव रेड्डी।

कोटा।सरस्वती शिक्षा संस्थान छत्तीसगढ़ के योजना अनुसार सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय करगी रोड कोटा में राष्ट्रीय खेल हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद जी की जयंती के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में वासुदेव रेड्डी (कोषाध्यक्ष सरस्वती शिशु मंदिर कोटा), अध्यक्षता राम सजीवन गुप्ता (उपाध्यक्ष सरस्वती शिशु मंदिर कोटा), विशिष्ट अतिथि संतोष जायसवाल( सह सचिव सरस्वती शिशु मंदिर कोटा), मनजीत सिंह पवार, देवेंद्र सिंह ठाकुर एवं प्राचार्य बाबूलाल साहू ने मां सरस्वती, ओम, भारत माता एवं मेजर ध्यानचंद के छाया चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर परंपरागत खेलों का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर सरस्वती शिशु मंदिर कोटा एवं स्वामी आत्मानंद विद्यालय कोटा के छात्र छात्राओं ने एवं विद्यालय के आचार्य-दीदी, विद्यालय के समिति सदस्य एवं पदाधिकारी, पूर्व छात्र एवं समाज के लोगों ने नदी- पहाड़, विष- अमृत, पोषमपा, गेंड़ी, फुगड़ी,बिल्लस ,भौंरा, गिल्ली -डंडा,तिरीपासा, बांटी, रस्सी कूद आदि परंपरागत खेलों में बढ़-चढ़कर भाग लिया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वासुदेव रेड्डी ने कहा की परंपरागत खेलों को लोग भूलते जा रहे हैं आज के नई पीढ़ी में यह खेल धीरे-धीरे लुप्त हो रहा है जबकि इस खेल के माध्यम से अनेक प्रकार के शारीरिक योग हो जाता है जिसके कारण शरीर स्वस्थ एवं निरोगी रहता है अतः परंपरागत खेलों को जीवित रखने की आवश्यकता है सभी भैया बहन परंपरागत खेलों को भी विशेष रूचि लेकर हमेशा खेलते रहे

सभी खेलों में प्रथम आने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया।

इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य बाबूलाल साहू, प्रधानाचार्य चंद्रेश यादव, आचार्य राजकुमार साहू, संतोष गंधर्व, लक्ष्मी नारायण पांडे, कुमारी रुकमणी गंधर्व, श्रीमती आशा गुप्ता, कुमारी मनोरमा गुप्ता, सुख सिंह कैवर्त, रुपेश मलिक , शोभा चौहान,  जागृति गंधर्व,  जयश्री मित्रा,  अलका राजपूत, धीरेंद्र भारद्वाज, विक्रांत गोयल,  लक्ष्मी मानिकपुरी,  प्यारी मानिकपुरी उपस्थित थे।

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