वनविकास निगम के जंगल में चल रही थी जेसीबी मशीन व ट्रैक्टर से अवैध खनन जप्त किए हो गए एक सप्ताह के बाद भी अब तक कार्यवाही नहीं?
वनविकास निगम के जंगल में चल रही थी जेसीबी मशीन व ट्रैक्टर से अवैध खनन जप्त किए हो गए एक सप्ताह के बाद भी अब तक कार्यवाही नहीं?
कोटा। वनविकास निगम कोटा परिक्षेत्र के शिवतराई के जंगल में बिना किसी सूचना के जेसीबी मशीन से मिट्टी खोदाई कर ट्रैक्टर ट्रॉली से परिवहन किया जा रहा था। सूचना के बाद कोटा वनविकास निगम के रेंजर वैभव साहू ने मौके पर पहुंच कर कंपाट नम्बर 1546 में चल रहे जेसीबी मशीन व 6 ट्रैक्टर ट्रॉली को जप्त किया है, दरसअल मामला 5 नवंबर की बताई जा रही है एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी अब तक की किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं होना कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जेसीबी मशीन मालिक द्वारा मशीन को छोड़ने के एवज में पैसे की लेनदेन की भी बात किया जा रहा, कहीं इसी लिए तो नहीं एक सप्ताह बाद भी अब तक कार्यवाही नहीं हुई, जप्ती के बाद सभी वाहनों को डीपो में रखना चाहिए था लेकिन अभी भी रेस्ट हाउस में रखा गया है।
पूरे मामले में वन विकास निगम के एसडीओ आशुतोष सिंह का कहना है, एक जेसीबी मशीन व छ ट्रेक्टर जप्त किया गया है ,जेसीबी मशीन मालिक को बुलाया गया है, बयान लेकर कितना खोदाई किए हैं उसके हिसाब से कार्यवाही करने की बात कही है ।
जप्त जेसीबी मशीन व ट्रैक्टर👇
बहरहाल वनविकास के जंगल में अवैध खनन पर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा क्या कार्यवाही होती है या एक सप्ताह बाद भी कार्यवाही नहीं करना कई तरह की सवाल खड़े कर रहे हैं?
- 1 ,एक सप्ताह लग रहा पूछताछ में?
- 2,कही मामले को दबाने में तो नहीं वनविकास निगम के अधिकारी?
3, डिपो में जप्त वाहनों को रखने के वजाए रेस्ट हाउस में क्यों रखा गया?
जंगलों में अवैध खनन पर कठोर दंड का है प्रावधान . अधिनियम की धारा 4(1) और 4(1ए) के उल्लंघन पर जुर्माना 25 हज़ार रुपये प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 5 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर कर दिया गया है. साथ ही, कारावास की अवधि 2 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष कर दी गई है. राथ सात की कार्यवाही का प्रावधान है।

