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राशन के साथ साथ शासकीय योजना से वंचित हुए ग्रामीण, चुनावी माह सत्ताधारी दल के लिए हो सकता है नुकसान।

राशन के साथ साथ शासकीय योजना से वंचित हुए ग्रामीण, चुनावी माह सत्ताधारी दल के लिए हो सकता है नुकसान।

हनुमान अग्रवाल बेलगहना✍️

कोटा। शासन प्रशासन की लापरवाही कहें या फिर नजरअंदाजी का खामियाजा ग्रामीणों को किस तरह भुगतना पड़ता है। इसका ताजा उदाहरण तीस अप्रेल की रात्री लगभग 9 बजे आदिवासी सेवा सहकारी समिति बेलगहना में देखने को मिला,जिसके चलते ग्रामीणों मायूसी छा गई तथा शासन प्रशासन के खिलाफ आक्रोश दिखाई दिया। इस संबंध मिली जानकारी के अनुसार कोटा विकासखंड स्थित ग्राम पंचायत बेलगहना में खाद्यान्न वितरण का कार्य चल रहा था जिसमें सेल्समेन द्वारा देर रात तक खाद्यान्न दिया जा रहा था किंतु रात लगभग 9:00 बजे अचानक पोर्टल बंद हो गया जिससे वितरण व्यवस्था बाधित हो गई तथा सेल्समैन ने परिस्थितियों का हवाला देकर वितरण बंद कर दिया। देर रात तक अपनी बारी का इंतिजार कर रहे ग्रामीणों को भटका सा लगा और उन्होंने शासन प्रशासन को जमकर कोसा।क्योंकि तीस अप्रेल की महीने की आखिरी तारीख़ इसलिए ग्रामीण जन खाद्यान्न की लालसा में कतार में लगे हुए थे, किन्तु ऑनलाइन पोर्टल बंद होने से उन्हें अपने खाद्यान्न के अधिकार व शासन की महत्वपूर्ण योजना से वंचित होना पड़ा इस संबंध में मीडिया को सूचना मिलने पर जब रात्रि में प्रभारी शाखा प्रबंधक आदिवासी सेवा सहकारी समिति बेलगहना से मोबाइल पर संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि लगभग 50 हितग्राहियों को अचानक पोर्टल बंद होने से खाद्यान्न से वंचित रह गए हैं इसके संबंध में अधिकारियों को सूचना देकर मई माह में अप्रैल माह के शेष हितग्राहियों को राशन दिए जाने हेतु निवेदन किया जाएगा। उल्लेखनीय है इस उचित मूल्य की दुकान के अंतर्गत ग्यारह सौ राशन कार्ड धारी है। और सेल्समैन द्वारा जनता के हित को ध्यान में रखते हुए अधिकांश दिन देर शाम तक वितरण किया जाता रहा है। 30 अप्रेल को पोर्टल बंद की घटना से ग्रामीणों में शासन प्रशासन के प्रति तीव्र आक्रोश है। ग्रामीणों ने वितरण वेवस्था सुधारने व अप्रेल माह के बचे हुए राशन को मई माह के प्रारंभ में वितरण करने की मांग की है।चुनावी समय मे आक्रोशीत जनता की यह नाराजगी किस राजनीतिक दल को फायदा या नुकसान नुकसान पहुंचाएगी यह देखने वाली बात होगी।

इस सम्बंध में एसडीएम कोटा युगल किशोर उर्वशा से मोबाइल फोन पर मामले को लेकर कॉल किया गया लेकिन उनका कॉल रिसीव नहीं हुआ।

बहरहाल पिछले माह की राशन से वंचित ग्रामीण हितग्राहियों को राशन मिल पाएगा या नहीं यह देखने वाली बात है।

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