ग्राम पंचायतों को पर्याप्त राशि नहीं मिलने के कारण विकास कार्य धीमी,बजट के अभाव में कई प्रकार के बुनियादी सुविधा के अभाव में ग्रामीणों को हो रही परेशनी।

ग्राम पंचायतों को पर्याप्त राशि नहीं मिलने के कारण विकास कार्य धीमी,बजट के अभाव में कई प्रकार के बुनियादी सुविधा के अभाव में ग्रामीणों को हो रही परेशनी।
बिलासपुर।ग्राम पंचायतों को पर्याप्त राशि नहीं मिलने के कारण विकास कार्य धीमी गति से चल रहा है। बजट के अभाव में कई प्रकार के बुनियादी सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है। सुविधा के अभाव में ग्रामीणों को परेशानी हो रही है। पंचायतों में विकास कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है। ये बातें सरपंच संघ के बैठक में जनप्रतिनिधियों ने कही है।शुक्रवार को सरपंच संघ की बैठक आयोजित की गई। इस दौरान जिले भर के सरपंच प्रतिनिधि उपस्थित रहे। बैठक में शासन से जारी मानदेय की राशि की कमी को लेकर चर्चा की गई है। जनप्रतिनिधियों ने कहा कि सरपंच और पंच की नियुक्ति के माध्यम से ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों को गति देने की कोशिश की जाती है। जनप्रतिनिधि के अभाव में विकास कार्य संभव नहीं है। इसलिए प्रत्येक पांच साल में सरपंच और पंच का चुनाव कराया जाता है। जीत कर आने वाले नप्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र में कार्य करें अवसर मिलता है, लेकिन ग्राम पंचायतों में पर्याप्त राशि नहीं होने की वजह से जनप्रतिनिधियों को भारी परेशानी हो रही है।जिसे देखते हुए सरपंच संघ के द्वारा शुक्रवार को बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में मानदेय को बीस हजार रुपये कर दे और निधि को 10 लाख रुपये प्रति पंचायत करने की मांग रखी गई। इसके अलावा नरेगा भुगतान को जल्द करवाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया। आरटीआई के खिलाफ भी विचार विमर्श किया गया है। अविश्वास प्रस्ताव पर भी सरपंच संघ के द्वारा सुझाव लिए गए जिसके बाद आगे की दिशा में निर्णय लेने की बात कही गई। मानदेय की राशि को बढ़ाने पर जोर दिया गया है। जनप्रतिनिधि अपने कई जरूरी काम को छोड़कर शासन के काम को करने के लिए व्यस्त रहते हैं। इन सभी मुद्दों को लेकर सरपंच संघ के पदाधिकारियों और सदस्यों ने अपने- अपने विचार रखे हैं।

