Uncategorized

मां मंगला गौरी मंदिर प्रांगण में नवरात्र की तैयारी पूर्ण, आज से आरंभ नवरात्रि ।

मनमोहन सिंह✍️

बिलासपुर कोटा।खैरा- मां महामाया रतनपुर से उत्तर दिशा में 8 किलोमीटर दूरी पर स्थित मां मंगला गौरी मंदिर प्रांगण में नवरात्र की तैयारी पूर्ण हो गई है।जहां 9 दिन तक अखंड ज्योति कलश के साथ वैदिक ब्राह्मणों के द्वारा भगवती पाठ करते हुए माता की सेवा की जाएगी। शारदीय नवरात्र में भक्तजनों द्वारा 251 मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किया जा रहा है। इस दौरान कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए मंदिर में श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जायेगा।

 ग्राम पंचायत पोड़ी मे छत्तीसगढ़ का एकमात्र मंगल शांति का केंद्र माँ मंगला गौरी मंदिर स्थित है।51 शक्तिपीठ में से एक मां मंगला गौरी मंदिर प्रांगण में पूरे साल तक माता के दर्शन करने श्रद्धा भाव से भक्तों का आना जाना लगा रहता है।यहां श्रावण मास के अलावा सामान्य दिनों में कुंवारी कन्याएं मनोवांछित वर प्राप्ति के लिए 7 मंगलवार या 21 मंगलवार को दीया जलाकर माता की पूजा करती हैं। मंदिर प्रांगण में गौ माता की सेवा की जाती है।साथ ही भक्त जनों की पूजन के लिए सिंदूर,नीम,चंदन,नक्षत्र पौधा, काली हल्दी केला बेल पीपल बरगद मीठी पत्ती सहित अन्य फल एवं फूलों का पौधा लगाया गया।भारतीय संस्कृति में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्त्व होता है।सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना करते हुए मां दुर्गा के नौ स्वरूप शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी,चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी,कालरात्रि, महागौरी,सिद्धिदात्री रूप की पूजा की जाती हैं। मंदिर प्रांगण में सामाजिक दूरी का पालन करते हुए वैदिक ब्राह्मणों के द्वारा शारदी नवरात्रि के प्रथम दिवस पर माता भगवती पाठ आराधना किया जाएगा।आसपास के ग्रामीण सहित देश-विदेश के 251 भक्तजनो की मनोकामना पूरी करने ज्योति कलश प्रज्वलित किया जायेगा। नवरात्रि पर्व के दौरान पूरे 9 दिन माता का दर्शन करने भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है।लेकिन इस बार शासन के नियमों का पालन करते हुए कोरोना महामारी की वजह से नियमानुसार श्रद्धालुओं को दर्शन करने मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।

मांगलिक दोष एवं संतान के लिए होती है विशेष पूजा –

कुंडली में यदि ग्रह दोष है तो जीवन में कई विपत्ति का सामना करना पड़ता है।जिसके निवारण के लिए ग्रह दोष अनुसार गौरी गणेश,कलश,नवग्रहों,सोडष उपचार, मातृका के साथ मां मंगला गौरी की पूजा की जाती है जिसमें चतुर्मुख दिया जलाया जाता है, ताकि ग्रह दोष शांति के लिए पूजा संपन्न की जा सके। वही संतान प्राप्ति के लिए मंगला गौरी के साथ उनके पुत्र स्कंध पूजा करवाई जाती है जिससे निसंतान दंपत्ति को संतान सुख की प्राप्ति हो सके।


आचार्य पंडित रमेश शर्मा-

कुंवार नवरात्र की सभी तैयारी पूरी हो गई है। इस वर्ष देश विदेश के 251 ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किया जाएगा। मंगला गौरी मंदिर मैं सुहागन महिलाओं की मुरादे पूरी होती है। यहां नवग्रह के अलावा मंगल ग्रह की विशेष शांति पूजा होती है।

Youtube Channel

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!