समाजिकसंस्कृति

भगवत भक्ति से ध्रुव विमुख नहीं हुए इसलिए उसका कोई भी कुछ नही कर सका – पं गिरिजेश कुमार द्विवेदी 

ध्रुव और प्रहलाद ने तो अपनी भक्ति से बचपने में ही भगवान को प्राप्त कर लिया

बिलासपुर /सिरगिट्टी वार्ड नं  12 शारदा मंदिर नयापारा में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन व्यासपीठ पर विराजमान प्रयागराज के पं गिरिजेश कुमार द्विवेदी ने भागवत में अलग अलग प्रसंग पर कथा का रसपान श्रोताओ को कराया।उन्होंने वराह अवतार के साथ कथा शुरूआत की। उसके बाद कपिल अवतार, सती और महादेव प्रसंग के बाद ध्रुव व प्रहलाद का भी चरित्र सुनाया।पं गिरिजेश द्विवेदी ने श्रोताओ से कहा आज के समय में माता पिता और परिजन बच्चों को ऐसे संस्कार दें कि वे अपने लक्ष्य की ओर बचपन से ध्यान केंद्रित करें और उससे भटके नहीं। सामान्यत: कहते है कि बुढ़ापे में भगवान का भजन बड़े ही अच्छे तरीके से होता है, लेकिन ध्रुव और प्रहलाद ने अपनी भक्ति से बचपन में ही भगवान को प्राप्त कर लिया। विभिन्न कठिनाईयों पर भी वह भगवत भक्ति से वे विमुख नहीं हुए इसलिए उसका कोई भी कुछ नही कर पाया,उनके विश्वास पर भगवान को खंभे से प्रकट होना पड़ा।ध्रुव पर उनकी माता सुमति के संस्कार रहें उन्हीं की आज्ञा व प्रेरणा से ध्रुव ने साधना की और जो स्थान हजारों सालों की तपस्या के बाद ऋषि मुनि नहीं प्राप्त कर सके।उस स्थान को ध्रुव ने हासिल किया।

The bilasa times

Youtube Channel

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!