एक सूत्रीय मांग को लेकर प्रदेशभर के ग्राम पंचायत सचिवों का अनिश्चितकालीन हड़ताल बदस्तूर जारी है. बिलासपुर जिले में ब्लॉक मुख्यालय कोटा के हड़ताली सचिव अपनी एकसूत्रीय मांग को लेकर जनपद कार्यालय के सामने पिछले 8 दिनों से डटे हुए हैं।

✍️ रमेश भट्ट ✍️
बिलासपुर कोटा । एक सूत्रीय मांग को लेकर प्रदेशभर के ग्राम पंचायत सचिवों का अनिश्चितकालीन हड़ताल बदस्तूर जारी है. बिलासपुर जिले में ब्लॉक मुख्यालय कोटा के हड़ताली सचिव अपनी एकसूत्रीय मांग को लेकर जनपद कार्यालय के सामने पिछले 8 दिनों से डटे हुए हैं।
पंचायत सचिव धरना-प्रदर्शन के माध्यम से सरकार का ध्यान आकृष्ट करा रहे हैं. जिले के कोटा ब्लॉक के सभी 103 ग्राम पंचायतों के सचिव इस प्रदर्शन में शामिल हो रहे है. इस वजह से अब ग्रामीणों की परेशानी बढ़ने लगी है।
बता दें कि पंचायत सचिव नियमितिकरण की मांग को लेकर लम्बे अर्से से गुहार लगाते आ रहे हैं. हाल ही में इनके आंदोलन ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है. 21 दिसंबर को पंचायत सचिवों ने जिला मुख्यालय में रैली निकालकर धरना प्रदर्शन के माध्यम से अपनी मांगो पर शासन का ध्यानाकर्षण कराया था।
इसके बाद भी मांगें पूरी नही होने से नाराज सचिवों ने 26 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल प्रारंभ कर दिया. पंचायत सचिव काम बंद-कलम बंद कर धरने पर बैठ गए हैं।
प्रदर्शनकारी कोटा जनपद कार्यलय के सामने रोजाना दिन भर धरने पर बैठ रहे है. पुरूषों के साथ ही महिला सचिव भी आंदोलन में शामिल हो रही हैं. सभी अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी कर राज्य सरकार और प्रशासन का ध्यानाकर्षण कर रहे है।
वहीँ, सचिव संघ के कोटा ब्लॉक अध्यक्ष “राम कुमार मिश्रा ने बताया कि सचिवों का शासकीयकरण उनकी एकसूत्रीय मांग है. उनका कहना है कि जिस शिक्षाकर्मियों को हमारे द्वारा प्रस्ताव करके नियुक्ति दी गई थी, उन्हें आज शासन ने शासकीयकरण कर सरकार के रिकार्ड में दर्ज कर लिया है. लेकिन पंचायत सचिवों का आजतक नियमितीकरण नही किया गया. शासन हमे बताए कि शासन के रिकार्ड में हम कौन सी वर्ग के कर्मचारी है? पंचायत सचिव कौन सी वर्ग में आते है।

