चपोरा आदिवासी सेवा सहकारी समिति में 67 लाख का धान घोटाला।

बिलासपुर। तखतपुर ब्लाक के नगचुई धान खरीदी केंद्र में 71 लाख स्र्पये का धान खरीदी घोटाला सामने आया था। यह मामला अभी पूरी तरह ठंडा नहीं हो पाया कि चपोरा के आदिवासी सेवा सहकारी समिति के जिम्मेदारों ने धान खरीदी में 67 लाख स्र्पये का गोलमाल कर दिया है। घोटाला फूटने के बाद प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है। धान खरीदी के दौरान क़ी निगरानी के बाद प्रभारियों ने इतने बड़े घोटाले को अंजाम दे दिया है। इसे लेकर चर्चा का बाजार भी सरगर्म है।चपोरा के आदिवासी सेवा सहकारी समिति में खरीफ सीजन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों से एक लाख 35 हजार 400 क्विंटल धान की खरीदी की गई थी। समिति ने जितना धान खरीदना बताया है उसमें भारी अंतर देखा जा रहा है। प्रारंभिक जांच पड़ताल के दौरान 2700 क्विंटल धान का शार्टेज होना बताया जा रहा है। इसके अलावा बारदाना की संख्या में भी भारी कमी की जानकारी मिली है। धान के अलावा बारदाना का शार्टेज है।
धान के शार्टेज के साथ ही जब अधिकारियों ने खरीदी केंद्र को की गई बारदानों की आपूर्ति के अनुसार संख्या का मिलान किया तो बड़ी संख्या में बारदाना का शार्टेज सामने आया है। खरीदी केंद्र के प्रभारी व बारदाना प्रभारी भी शार्टेज के संबंध में स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रहे हैं। खास बात ये है कि चपोरा खरीदी केंद्र में इस वर्ष किसानों से खरीदे गए एक लाख 35 हजार 400 क्विंटल धान का उठाव हो गया है। राइस मिलरों के अलावा संग्रहण केंद्र में धान डंप कर दिया गया है।
कड़ी निगरानी के बाद गड़बड़ी
समर्थन मूल्य पर खरीदी के दौरान सभी खरीदी केंद्रों में जिला प्रशासन द्वारा कड़ी निगरानी रखी गई थी। शासन के पोर्टल की भी निगरानी की जा रही थी। कलेक्टर ने फर्जीवाड़ा रोकने के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति भी की गई थी। इसके बाद एक के बाद पखवाड़ेभर के भीतर दो खरीदी केंद्रों में फूटे धान घोटाला को लेकर सवालिया निशान उठने लगा है।
शार्टेज की होगी रिकवरी
बिलासपुर कलेक्टर डा सारांश मित्तर का कहना है कि चपोरा खरीदी केंद्र में शार्टेज धान की रिकवरी का आदेश जारी किया गया है। खरीदी केंद्र के जिम्मेदारों से रिकवरी कर इसकी भरपाई की जाएगी। रिकवरी नहीं हुई तो वसूली की कार्रवाई के साथ ही एफआइआर भी दर्ज कराई जाएगी।

