छत्तीसगढ़बिलासपुर संभागरमेश भट्ट - एडिटर& चीफ।

आकस्मिक वर्षा की वज़ह से खरीदी केंद्र में पानी का जमाव होने से किसानों को धान बेचने के साथ परिवहन में होती है समस्या। धान उपार्जन की समस्या का निराकरण कर स्थल चयन करने अनुविभागीय अधिकारी कोटा से किया गया मांग ।

आदिवासी सेवा सहकारी समिति मर्या.चपोरा में जगह की कमी होने से धान की खरीदी में परेशानी हो रही हैं।आकस्मिक वर्षा की वज़ह से खरीदी केंद्र में पानी का जमाव होने से किसानों को धान बेचने के साथ परिवहन में समस्या होती है।खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में धान उपार्जन की समस्या का निराकरण कर स्थल चयन करने अनुविभागीय अधिकारी कोटा से मांग किया गया है।

मनमोहन सिंह✍️

 बिलासपुर। कोटा विकासखंड अंतर्गत स्थित आदिवासी सेवा सहकारी समिति मर्या.चपोरा पंजीयन क्रमांक 3087 में 24 ग्राम के किसानों से खरीफ फसल की खरीदी की जाती है।जहां किसानों के हित में काम करने वाले प्रदेश सरकार की दावा भी बेमानी साबित होने लगी है। दिन-रात की मेहनत से किसान फसल तैयार करते हैं। फसल तैयार होने के बाद उसे कटाई,ढुलाई और मिंजाई के बाद भी किसानों को राहत नहीं मिलती हैं। खरीदी केंद्र में पहुंचने के बाद किसानों को जगह कम होने की वज़ह से विक्रय करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।समय पर तौल ना होने की स्थिति में चोरों की नजर से अपनी धान को सुरक्षित रखने रात भर जागना पड़ता है। खरीदी केंद्र का क्षेत्रफल कम होने से मुख्य मार्ग पर गाड़ियों की लंबी कतार लग जाती हैं।गाड़ियों की लगातार आवागमन होने से राहगीरों में भय का माहौल बना रहता है।जगह की कमी से परिवहन के साथ धान खरीदी की रफ्तार धीमी हो जाती है। प्रतिवर्ष होने वाली समस्या के निदान के लिए कार्यालय आदिवासी सेवा सहकारी समिति मर्या.चपोरा द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में धान उपार्जन केंद्र हेतु ग्राम चपोरा में स्थल चयन कर दिलाने अनुविभागीय अधिकारी कोटा से मांग किया गया है।ग्राम चपोरा में जगह नहीं मिलने की स्थिति में बारीडीह,खैरा,पोड़ी से धान उपार्जन स्थल दिलाने की मांग की गई है।ताकि धान उपार्जन जगह की साफ सफाई सुबह फैंसी कार्य पुर्ण किया जा सके। बहरहाल देखना यह होगा कि क्या किसानों सहित समिति की समस्या का त्वरित निराकरण होता है या फिर कछुए की चाल से महज कागजी कार्यवाही कर खाना पूर्ति होती हैं, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

मुख्य मार्ग से 3 फीट नीचे हैं खरीदी केंद्र –

– खरीदी केंद्र चपोरा में 1613 लाभान्वित किसानों से गत वर्ष 92 हजार 436 क्विंटल (2 लाख 31हजार 90 बोरी)धान 17करोड़ 40 लाख 51 हजार 235 रुपये 20 पैसा की राशि से की खरीदी की गई थी।खरीदी केंद्र मुख्य मार्ग से लगभग 3 फीट नीचे है,जहां असामयिक बरसात होने से केंद्र में पानी का भराव होना आम बात हो गई है।समिति के साथ धान बेचने गए किसानों को धान को भीगने से बचाने परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

नवीन स्थल से बन सकती है बात —

 

— ग्राम पंचायत चपोरा सब स्टेशन के सामने खसरा नंबर 71/1 लगभग 2 से 3 एकड़ शासकीय भूमि है।जो धान उपार्जन के लिए उपयुक्त जगह है। जिसके लिए ग्राम पंचायत द्वारा रामपुर देते हुए प्रस्ताव पारित किया गया है।समय रहते अवैध कब्जा धारियों की नजर पड़ने से पहले यदि उक्त जगह को धान खरीदी के लिए चिन्हाकित करना उचित होगा।

तुलाराम भारद्वाज एसडीएम कोटा —

  स्थल चयन के लिए शासकीय भूमि की पटवारी,तहसीलदार से जांच करवा कर धान उपार्जन केंद्र के लिए स्थल चिन्हाकित किया जाएगा। जिससे समिति के समस्या का निराकरण किया जा सके।

अनुराग जायसवाल प्रबंधक से.सह.समिति चपोरा —

वर्तमान धान उपार्जन केंद्र का जगह छोटा होने के साथ रोड से तीन चार फिट नीचे है जो पानी गिरने से भर जाता है। जिसकी वजह से किसानों की गाड़ी नीचे नहीं आ पाता है।ग्राम चपोरा में शासकीय भूमि है जहां धान खरीदी के साथ परिवहन की कोई समस्या भी नहीं होगी।

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