छत्तीसगढ़बिलासपुर संभाग

वर्षों से लंबित रेनकोटा जलाशय की मुआवजा प्रकरण को लेकर जल संसाधन उप-संभाग ने लगाया शिविर। पीड़ित किसानों को और करना पड़ेगा 6 माह का इंतजार।

मनमोहन सिंह ✍️

कोटा विकासखंड अंतर्गत स्थित ग्राम पंचायत तेंदूभाठा के किसानों को रेनकोटा को जलाशय की नहर निर्माण से प्रभावित किसानों की समस्या का निराकरण करने जल संसाधन संभाग द्वारा शिविर लगाया गया।32 किसानों की भू अर्जन प्रक्रिया के साथ 29 किसानों की अधूरी विभागीय कार्यवाही को पूर्ण कर जल्द मुआवजा प्रक्रिया करने आश्वासन दिया गया।12 वर्ष से अधूरी प्रक्रिया के पूरी होने पर किसानों को जल संकट की समस्या राहत मिलेगी।
बिलासपुर जिला अंतर्गत ग्राम पंचायत तेंदू भाटा 13 वर्ष पूर्व रेनकोटा जलाशय का निर्माण कार्य किया गया ।निर्माण कार्य पूर्ण होने के पश्चात ग्रामीण कृषकों को जल संकट से छुटकारा दिलाकर समृद्ध बनाने जल संसाधन संभाग पेंड्रा रोड एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व भू अर्जन अधिकारी कोटा द्वारा धारा 05 और धारा 09 भू अर्जन अधिनियम 1984 अंतर्गत

नहर निर्माण कार्य के लिए भू अर्जन किया गया था। गुजरते समय के साथ किसानों की आंखें बूढी हो गई।तो कई किसान की मृत्यु हो चुकी है।लेकिन उन्हें आजतक ना तो मुआवजा की राशि मिली और ना ही सिंचाई के लिए पानी।नहर निर्माण से प्रभावित किसानों की समस्या का निराकरण करने जल संसाधन उप संभाग बेलगहना द्वारा शिविर लगाया गया।32 किसान जिन्हें जमीन का नाप होने के बाद भी और 29 किसान जिनकी आवेदन दिनों के बाद भी नाप होने के कारण मुआवजा नहीं मिलने चिंतित कुल 61 किसानों ने उपस्थित होकर अपनी समस्या बताई। वहीं वर्षो बाद भी विभागीय अधिकारियों के टालमटोल रवैया से मुआवजा राशि प्रक्रिया पूर्ण नहीं किये जाने से नाराज कृषको ने अधिकृत जमीन पर नहर निर्माण कार्य पर रोक लगा दिया है। जिसकी वजह से मुख्य नहर और माइनर नहर का निर्माण कार्य ठप पड़ा हुआ है।

मुआवजा प्रकरण बनाने में लापरवाही –

सन 2011में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोटा एवं जल संसाधन उप संभाग बेलगहना में रेनकोटा जलाशय से छूटी हुई जमीन का मुआवजा प्रकरण बनाने आवेदन किया गया। ग्राम पंचायत तेंदूभाठा एवं ग्राम नवागांव प ह नं 18 रा नि मं रतनपुर मे रेनकोटा जलाशय के मुख्य नहर एवं माइनर का 2009-10 में निर्माण कार्य किया गया। जिसमें कृषक पदुम सिंह पिता गुलाब सिंह खसरा नंबर 320/2 रकबा 0•30 और खसरा नंबर 64 रकबा 0•96 सहित कुल 29 कृषको का जमीन मुआवजा प्रकरण बनाने में छूट गया था जिसे पटवारी द्वारा मौके पर जांच कर त्वरित मुआवजा प्रकरण बनाने लिखित आवेदन भी किया गया। बावजूद इसके 10 वर्ष बाद भी आज तक राजस्व विभाग द्वारा पीड़ित किसानों की समस्या का निराकरण करने संज्ञान नहीं लिया गया।

राजस्व विभाग रहे नदारद ।

शिविर कार्यक्रम की जल संसाधन संभाग द्वारा सूचना दिए जाने के बाद भी राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारी अनुपस्थित रहे। जिसकी वजह से ग्रामीणोंं को रकबा,खसरा नंबर जैसी जानकारी के अभाव से वंचित होना पड़ा। राजस्व विभाग के अनुपस्थिति की वजह सेे ग्रामीण पूरा दिन भटकते रहे तब जाकर उनके मुआवजा प्रकरण की कागजी कार्यवाही पूर्ण हो सकी। उच्च अधिकारी तो दूर क्षेत्र के पटवारी भी शिविर में नहींं पहुंचे जिसे लेकर ग्रामीणों ने मौजूद अधिकारियोंं के समक्ष नाराजगी जाहिर किया।

भागवत गिरी गोसाई उमरिया दादर

जलाशय के नहर में किसानों को मुआवजा राशि नहीं मिला है।ग्राम पंचायत सेकर का 32 लोगों का जो जमीन है उसका नाम जोक हो चुका है जबकि पिछले 12 वर्षों से 29 लोगों के जमीन का नाप जोक नहीं हुआ है।ग्रामीणों के द्वारा 2011 में आवेदन दिया गया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

धन सिंह पैकरा जनपद सदस्य 

तेंदूभाठा में किसानों के मुआवजा राशि संबंधित शिविर लगाया गया है।जो रेंनकोटा जलाशय के अंतर्गत आता है किसानों को पिछले 12 से 13 वर्षों से मुआवजा नहीं मिला है इस शिविर में अधिकारियों का कहना है कि अभी सत्यापन कर रहे हैं प्रक्रिया में 5 से 6 महीने लग जाएगा ।

संतोष कौशिक एसडीओ बेलगहना

सेकर का भू अर्जन प्रकरण का समाजिक समागत का अध्ययन था इस संबंध में शिविर लगाया गया था।जिसमें 32 किसानों ने सहमति दिया है जो की प्रक्रिया के अधीन चल रही है ।

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