जिंदगी और मौत के साये में हर रोज बैठ कर रहे नौकरी।

जिंदगी और मौत के साये में हर रोज बैठ कर रहे नौकरी।
कोटा। नौकरी है करनी पड़ेगी चाहे जर्जर भवन टूटकर ऊपर गिरे या भवन में दब कर जान देना ही क्यों ना पड़ जाए,जी हाँ हम बात कर रहे हैं कोटा विकास खण्ड में स्थित बेलगहना वन विभाग परीक्षेत्र में फारेस्ट विभाग द्वारा बेलगहना से कोटा मुख्य मार्ग पर ग्राम केकराडीह में संचालित बैरियर भवन की, हर रोज यहाँ तीन से चार वनविभाग कर्मचारी जर्जर भवन में रह कर अपनी ड्यूटी कर रहे हैं । बैरियर में ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों की माने तो बारिश के साथ साथ बादल के गर्जने से जर्जर भवन हिलने भी लगता है। जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा जर्जर भवन को न्यू भवन निर्माण के लिए कई बार आवेदन भी किया जा चुका जिसके बाद भी अभी तक इसकी सुध लेने कोई भी नहीं पहुंचा, लिहाज़ा वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी किसी बड़ी घटना के बाद ही क्या इसकी सुध लेंगे।
बहरहाल मामले में वनविभाग के डीएफओ कुमार निशान्त का कहना है। न्यू भवन के लिए प्रस्ताव भेजा गया है बजट आने के बाद कार्य चालू किया जाएगा, डीएफओ कुमार निशांत द्वारा कहा गया फिलहाल बैरियर वन विभाग कर्मचारियों के लिए बेलगहना रेंजर से बात कर उनके लिए बगल में ही टिन सेड डालकर बारिश तक रहने की वेवस्था कराई जाएगी ताकि किसी को किसी प्रकार की नुकसान ना पहुंच सके।

