Uncategorized

रागी की खेती कर समृद्ध हो रहे जिले के किसान,कृषि विभाग किसानों को कर रहा रागी के लिए प्रोत्साहित।

रागी की खेती कर समृद्ध हो रहे जिले के किसान,कृषि विभाग किसानों को कर रहा रागी के लिए प्रोत्साहित।

राष्ट्रीय कृृषि विकास योजना के तहत दिये जा रहे निःशुल्क खाद-बीज

बिलासपुर,। जिले के किसान अब धान की फसल के साथ ही रागी फसल की खेती की ओर रूचि ले रहे है। कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली यह फसल किसानों के लिए समृद्धि की राह बन रही है। इसके लिए कृषि विभाग भी किसानों को इस फसल की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। यह फसल ग्रीष्म ऋतु में धान का एक अच्छा विकल्प साबित हो रहा है।रागी की खेती कर रहे विकासखण्ड मस्तूरी के किसान  घनश्याम पटेल ग्राम आंकडीह के निवासी है। वे ग्रीष्मकालीन धान की खेती करते थे, जिसमें पानी की अत्यधिक आवश्यकता होती है। जिसके कारण  पटेल कम रकबे में खेती करने को मजबूर थे। कम रकबे में खेती से उत्पादन भी कम होता था, जिससे उनकी लागत भी नहीं मिल पाती थी। अपनी इन समस्याओं को क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी  अमित कुमार पटेल से साझा किया। अधिकारी द्वारा  पटेल को धान के स्थान पर रागी की खेती करने की सलाह दी गई।  घनश्याम ने बताया कि उन्हें कृषि विभाग की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना ‘‘रफ्तार’’ के तहत बीज, वर्मी खाद, सूक्ष्म पोषक तत्व, कीटनाशी, फफूंदनाशी निःशुल्क प्राप्त हुआ। भूमि की तैयारी से लेकर फसल कटाई तक की सम्पूर्ण तकनीकी जानकारी ग्रा.कृ.वि.अधि. अमित कुमार पटेल तथा व.कृ.वि.अधि. मस्तूरी  ए.के.आहिरे के मार्गदर्शन में मिली। किसान  पटेल ने कहा कि रागी फसलों की स्थिति को देखते हुए 25 से 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उपज संभावित है। जिससे लगभग 1 लाख 42 हजार से 1 लाख 71 हजार तक की आय होने का अनुमान है। घनश्याम पटेल ने बताया कि वे कृषि विभाग की इस योजना से बहुत खुश है। रागी की खेती करने से खेती की लागत में भी कमी आई है और अधिक उत्पादन से लाभ भी अधिक प्राप्त होता है।  पटेल अपने ग्राम एवं क्षेत्र के अन्य किसानों को भी रागी की खेती कर इसका लाभ लेने की समझाईश दे रहे है।

Youtube Channel

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!