ज़िला कांग्रेस कमेटी स्वतंत्रता सेनानी डॉ खूबचन्द बघेल जी की जयंती मनाई गई ।
बिलासपुर इस अवसर पर शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि डॉ खूबचन्द बघेल छात्र जीवन से ही आज़ादी की लड़ाई में कूद पड़े ,उन्हें मेडिकल की पढ़ाई बीच मे छोड़नी पड़ी ,एक सामाजिक कार्यकर्ता, जो तत्कालीन समाज मे व्याप्त कुरूतियो को तोड़ने के लिए नाटक के माध्यम से जन जागरण चलाया ,आज़ादी के बाद विधायक और संसदीय सचिव बने पर वो चाहते थे कि छत्तीसगढ़ एक पृथक राज्य बनेगा तभी विकास होगा और इसके लिए उन्होंने लम्बी लड़ाई , भ्रातृ संघ की स्थापना कर युवाओं को जोड़ा ,लम्बा संघर्ष चला और उनकी मृत्यु के लगभग 34 वर्ष बाद पृथक छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण हुआ।
संयोजक ज़फ़र अली, हरीश तिवारी ने कहा कि डॉ खूबचन्द बघेल जी का जन्म 19 जुलाई 1900 में एक समृद्ध किसान परिवार में हुआ, प्रारम्भिक शिक्षा रायपुर में और,उच्च शिक्षा की पढ़ाई नागपुर में हुई,आज़ादी की लड़ाई में कुछ समय जेल में भी रहे, कांग्रेस पार्टी के विभिन्न पदों पर रहे, आज़ादी के बाद विधायक और संसदीय सचिव बने,राजसभा सदस्य बने ,उन्होंने पंगत प्रथा को समाप्त किया, पहले गांव में किसबीन नाच प्रथा का विरोध किया,बाल विवाह का विरोध किया ,उन्होंने जाति के अंदर छोटे बड़े के भेद को खत्म करते हुए अपनी बेटियों की शादी अन्य कुर्मी समाज मे किया ,जिसका बड़ा विरोध हुआ ,पर उसका बिना परवाह किये ,डॉ खूबचन्द बघेल आगे बढ़ते रहे, क्योकि उनका उद्देश्य समाज मे अव्यवहारिक नियमो को तोड़ना था, 1967 को ऐसे महान सपूत का असमय निधन हो गया ।
कार्यक्रम में शहर अध्यक्ष विजय पांडेय, संयोजक ज़फ़र अली,हरीश तिवारी विनोद साहू, स्वर्णा शुक्ला,जिग्नेश जैन,विश्वम्भर गुलहरे,वीरेंद्र सारथी,अफ़रोज़ खान,माधव ओत्तालवार,गौरव एरी, अंजलि यादव,सत्येंद्र तिवारी,विनोद शर्मा,चंद्रहास केशरवानी,हेमन्त दिघरस्कर,मनोज शर्मा,त्रिभुवन कश्यप,हेरि डेनिएल,अन्नपुर्णा ध्रुव आदि उपस्थित थे ।
ऋषि पांडेय,प्रवक्ता शहर।

